👌👌
हनुमान जयंती के बाद
थके हारे
हनुमान जी ने रामचंद्रजी से कहा…
“प्रभु….
इतना तो संजीवनी बुटी वाला पर्वत उठा के, लाकर भी ना थके थे,जितना कल
‘इस मोबाईल से उस मोबाईल’ में छलाँगे लगा लगा के थक गये हैं….!”
😝😝😝😝
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हनुमान जयंती के बाद
थके हारे
हनुमान जी ने रामचंद्रजी से कहा…
“प्रभु….
इतना तो संजीवनी बुटी वाला पर्वत उठा के, लाकर भी ना थके थे,जितना कल
‘इस मोबाईल से उस मोबाईल’ में छलाँगे लगा लगा के थक गये हैं….!”
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