गाँव में मेला लगा हुआ था,
एक मेंढक से रहा नहीं गया वह अपना
भविष्य बताने वाले ज्योतिषी के पास
जा पहुँचा।
मेंढक – मेरा क्या भविष्य है?
ज्योतिषी – एक सूंदर नवयुवती तुम्हारे
अंग-अंग को गौर से निहारती हुई,
जगह-जगह स्पर्श करेगी।
मेंढक – अच्छा, कब? कहाँ?
ज्योतिषी – अगले सप्ताह, पास वाले
कॉलेज के बायोलॉजी लैब में।